Himachal School Close News 2025: हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का असर अब शिक्षा व्यवस्था पर भी दिखने लगा है। राज्य में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के चलते बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया गया है। लेकिन इस दौरान पढ़ाई पूरी तरह बंद नहीं होगी। छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी, और शिक्षकों को स्कूल से ही इन्हें संचालित करना होगा।
छात्रों को राहत, लेकिन शिक्षकों को करना होगा कार्य
राज्य के शिक्षा सचिव राकेश कंवर द्वारा जारी आधिकारिक निर्देशों के अनुसार:
- छात्रों को स्कूल आने की आवश्यकता नहीं होगी जब तक मौसम खराब बना रहता है।
- लेकिन शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
- शिक्षकों को स्कूल परिसर से ही ऑनलाइन कक्षाएं चलानी होंगी, ताकि बच्चों की पढ़ाई में बाधा न आए।
स्कूल बंद करने का अधिकार जिला उपायुक्तों को
आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत जिला उपायुक्तों (DCs) को यह अधिकार है कि वे स्थानीय मौसम की स्थिति को देखते हुए स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय ले सकते हैं। हालांकि इस दौरान:
- स्कूलों में शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्य जारी रहेंगे।
- शिक्षकों को अतिरिक्त कार्यों में योगदान देना होगा।
बारिश के दिनों में शिक्षकों को करने होंगे ये जरूरी काम
शिक्षा विभाग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि खराब मौसम के दिनों को उत्पादक रूप से इस्तेमाल किया जाए। ऐसे में शिक्षकों को निम्नलिखित कार्य पूरे करने होंगे:
✅ मिड-डे मील रिकॉर्ड का निपटारा
✅ पाठ योजनाओं और मूल्यांकन कार्यों का निष्पादन
✅ स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) से संबंधित दस्तावेज़
✅ समग्र शिक्षा और डाइट असाइनमेंट्स
✅ पीएमआईएस और यू-डाइस पोर्टल पर डेटा अपडेट
मंडी जिले में भारी नुकसान, 80 से अधिक स्कूल क्षतिग्रस्त
मौजूदा रिपोर्ट के अनुसार, 29 जून से 1 जुलाई 2025 के बीच हुई भीषण बारिश ने मंडी जिले में 84 से अधिक स्कूलों को प्रभावित किया है। कई स्कूलों के भवन पूरी तरह तबाह हो गए हैं।
अब तक सामने आए प्रमुख नुकसान:
स्कूल का नाम | नुकसान का अनुमान |
---|---|
राजकीय प्राथमिक पाठशाला, सुराह | ₹20 लाख – भवन पूरी तरह ध्वस्त |
सुमना स्कूल | ₹10 लाख – एक ब्लॉक क्षतिग्रस्त, दूसरा मलबे से भरा |
दारन स्कूल | ₹3 लाख – सुरक्षा दीवार गिरी |
केयोलीधार स्कूल | ₹2 लाख – सुरक्षा दीवार टूटी |
कुल अनुमानित नुकसान:
- 81 प्राथमिक स्कूलों में ₹2.26 करोड़ से अधिक का नुकसान
- उच्च शिक्षा उप निदेशक कार्यालय के 3 स्कूलों में ₹14 लाख का नुकसान
- बगस्याड़ क्षेत्र में कई स्कूलों में भूस्खलन से क्षति
शिक्षा विभाग की बड़ी चुनौती
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण स्कूलों की संरचनात्मक क्षति ने विभाग के सामने दोहरी चुनौती खड़ी कर दी है:
- ऑनलाइन शिक्षा को सुचारू बनाए रखना, खासकर दूरदराज के इलाकों में।
- स्कूल भवनों की मरम्मत और पुनर्निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर करना।
शिक्षा सचिव ने स्पष्ट किया है कि विभाग इन चुनौतियों से निपटने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के स्तर पर मदद मांग रहा है।
निष्कर्ष: छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि, पढ़ाई भी जारी
हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऐसे में जब तक मौसम सामान्य नहीं हो जाता, छात्रों को स्कूल नहीं बुलाया जाएगा। लेकिन पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से जारी रखी जाएगी।
👉 अगर आप हिमाचल में रहते हैं और आपके बच्चे स्कूल जाते हैं, तो अपने स्थानीय जिला प्रशासन की घोषणाओं पर नजर बनाए रखें।