House Rent Registration Rules 2025 – अगर आप एक मकान मालिक हैं और अपनी प्रॉपर्टी को किराए पर देने की सोच रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है। सरकार ने अब किराये की प्रॉपर्टी को लेकर नया नियम लागू कर दिया है, जिसके तहत बिना रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के किराए पर मकान देने पर ₹5,000 से ₹50,000 तक का जुर्माना लग सकता है।
यह नया नियम मकान मालिक और किराएदार दोनों के हितों की रक्षा के लिए लाया गया है, ताकि भविष्य में किसी भी विवाद की स्थिति में कानून का सहारा लिया जा सके।
क्यों लागू हुआ यह नया रेंट रजिस्ट्रेशन नियम?
भारत में आज भी बड़ी संख्या में लोग बिना किसी लिखित समझौते या रजिस्ट्रेशन के मकान किराए पर देते हैं। ऐसे मामलों में यदि विवाद होता है, तो न तो मकान मालिक को और न ही किराएदार को उचित कानूनी सुरक्षा मिल पाती है।
👉 इसलिए सरकार ने अब रजिस्टर्ड एग्रीमेंट को अनिवार्य बना दिया है।
नया नियम क्या कहता है?
- अब कोई भी मकान मालिक किराए पर मकान देने से पहले रजिस्टर्ड एग्रीमेंट बनाएगा।
- बिना रजिस्ट्रेशन मकान किराए पर देने पर ₹5,000 से ₹50,000 तक का जुर्माना।
- यह नियम पूरे देश में लागू किया जा रहा है, और कुछ राज्यों में पहले से लागू है।
किराया रजिस्ट्रेशन के फायदे
1. धोखाधड़ी से बचाव
रजिस्टर्ड एग्रीमेंट होने से अगर किराएदार किराया न दे या जबरन मकान पर कब्जा कर ले, तो मकान मालिक को कानूनी सहारा मिलना आसान हो जाता है।
2. कानूनी सुरक्षा
रजिस्ट्री के बाद मकान मालिक और किराएदार की जिम्मेदारियाँ स्पष्ट हो जाती हैं, जिससे भविष्य में कोर्ट-कचहरी के झमेले कम हो जाते हैं।
3. टैक्स में पारदर्शिता
रजिस्टर्ड एग्रीमेंट से किराए की कमाई का रिकार्ड सरकार के पास रहता है, जिससे टैक्स चोरी की संभावना कम हो जाती है।
कब जरूरी है किराया रजिस्ट्रेशन?
- अगर आप किसी को 11 महीने से अधिक समय के लिए मकान किराए पर दे रहे हैं, तो रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
- अब कई राज्य 11 महीने से कम अवधि के लिए भी एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन की योजना बना रहे हैं।
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया – स्टेप बाय स्टेप
1. किराया एग्रीमेंट तैयार करें
इसमें शामिल करें:
- मासिक किराया
- सुरक्षा राशि (Security Deposit)
- नोटिस अवधि
- बिजली/पानी का भुगतान
- अन्य शर्तें
2. सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्ट्रेशन
- एग्रीमेंट को स्टांप पेपर पर तैयार करें
- स्टांप ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन फीस जमा करें
- दोनों पक्षों की मौजूदगी जरूरी
3. जरूरी दस्तावेज़ साथ लें:
- आधार कार्ड (दोनों पक्षों का)
- प्रॉपर्टी पेपर की कॉपी
- पासपोर्ट साइज फोटो
क्या होगा अगर नियम नहीं माने?
- जुर्माना ₹5,000 से ₹50,000 तक
- प्रशासन प्रॉपर्टी सील भी कर सकता है
- गंभीर मामलों में कोर्ट केस भी हो सकता है
किराएदारों के अधिकार
रजिस्टर्ड एग्रीमेंट से किराएदार को भी कई अधिकार मिलते हैं:
- मकान मालिक मनमर्जी से किराया नहीं बढ़ा सकता
- सुरक्षा राशि (Deposit) की कानूनी गारंटी होती है
- तय सुविधाएं और शर्तें लिखित रूप में सुरक्षित रहती हैं
पुलिस वेरिफिकेशन क्यों जरूरी?
मकान मालिकों को सलाह दी जाती है कि:
- किराएदार का पुलिस वेरिफिकेशन जरूर कराएं
- उसकी पहचान, पृष्ठभूमि और रेफरेंस की जांच करें
- आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ की कॉपी सुरक्षित रखें
किन्हें होगा सबसे ज्यादा फायदा?
- जो मकान मालिक बार-बार किराएदार बदलते हैं
- जो दूसरे शहर में रहते हैं और मकान किराए पर देते हैं
- जो लीगल प्रोटेक्शन चाहते हैं
- किराएदार, जो अपनी जमा राशि और सुविधाओं की सुरक्षा चाहते हैं
निष्कर्ष
अगर आप मकान किराए पर दे रहे हैं या लेने जा रहे हैं, तो रजिस्टर्ड एग्रीमेंट बनवाना न भूलें। यह न सिर्फ कानून का पालन है, बल्कि आपकी और किराएदार की सुरक्षा के लिए भी अनिवार्य है।
✅ बिना रजिस्ट्रेशन किराए पर मकान देना अब जोखिम भरा है। इसलिए समय रहते रजिस्ट्रेशन करवा कर खुद को सुरक्षित करें।



















vs1kmw