NEET UG 2025 Re Examination Stay – मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET UG 2025 को लेकर छात्रों में इन दिनों असमंजस की स्थिति है। कुछ दिन पहले जहां री-एग्जाम की उम्मीद जगी थी, वहीं अब हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने री-एग्जाम पर रोक (Stay Order) लगा दी है। इससे उन छात्रों को झटका लगा है जो दोबारा परीक्षा की उम्मीद लगाए बैठे थे।
4 मई को NEET UG परीक्षा के दौरान क्या हुआ था?
NEET UG 2025 की परीक्षा देशभर में 4 मई 2025 को आयोजित की गई थी। लेकिन इंदौर के कुछ परीक्षा केंद्रों में तेज़ बारिश और आंधी की वजह से बिजली चली गई, जिससे लगभग 75 छात्रों को परीक्षा में कठिनाई हुई।
इन छात्रों ने कहा कि उन्हें पेपर हल करने में पूरा समय नहीं मिला और उन्होंने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें री-एग्जाम की मांग की गई थी।
सिंगल बेंच का फैसला – छात्रों के पक्ष में
हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने छात्रों की बात मानते हुए NEET UG री-एग्जाम के आदेश दिए। इससे छात्रों को थोड़ी राहत मिली थी।
लेकिन अब डिवीजन बेंच ने लगाया स्टे
NEET परीक्षा आयोजित करने वाली NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने इस फैसले को चुनौती दी और 1 जुलाई 2025 को हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले पर अस्थायी रोक (Stay) लगा दी है।
इस बेंच में जस्टिस विनोद कुमार द्विवेदी और जस्टिस विवेक रसिया शामिल थे।
NTA ने क्या दलील दी?
NTA की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वर्चुअल सुनवाई में कहा:
- सिर्फ 75 छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा कराना 22 लाख छात्रों के साथ अन्याय होगा।
- इससे परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठेंगे।
- अगर बाकी छात्र भी इस तरह की मांग करें तो परीक्षा प्रणाली में अव्यवस्था फैल जाएगी।
छात्रों का पक्ष क्या है?
छात्रों की ओर से पेश वकील ने कहा:
- जिन छात्रों की परीक्षा प्रभावित हुई, अगर उन्हें दोबारा मौका नहीं मिला, तो उनका पूरा साल बर्बाद हो जाएगा।
- अगर अभी काउंसलिंग शुरू हुई, तो ये छात्र प्रक्रिया से बाहर रह जाएंगे।
- पहले इन छात्रों का मामला सुलझाया जाए, फिर काउंसलिंग की जाए।
अब आगे क्या?
- कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस भेजकर 10 जुलाई 2025 तक जवाब मांगा है।
- उसी दिन अगली सुनवाई होगी, जिसमें तय होगा कि री-एग्जाम होगा या नहीं।
- इस बीच NEET UG 2025 की काउंसलिंग प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है।
क्या इस फैसले से छात्रों पर असर पड़ेगा?
छात्र समूह | असर |
---|---|
जिनकी परीक्षा 4 मई को प्रभावित हुई | निराशा और अनिश्चितता |
जिन्होंने परीक्षा पूरी की | वे काउंसलिंग शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं |
पूरे देश के 22 लाख उम्मीदवार | अब एक स्थिर फैसला आने की प्रतीक्षा में हैं |
क्यों है यह मामला संवेदनशील?
- परीक्षा एक करियर-निर्माण मोड़ होता है, जिसमें मिनटों का फर्क भी भविष्य तय कर सकता है।
- टेक्निकल गड़बड़ी, प्राकृतिक आपदा या लापरवाही से लाखों छात्रों का भविष्य दांव पर लग जाता है।
- इसलिए हर फैसला सोच-समझकर लेना जरूरी है ताकि न्याय भी मिले और निष्पक्षता भी बनी रहे।
निष्कर्ष
NEET UG 2025 के री-एग्जाम पर हाई कोर्ट की रोक ने परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अब सभी की निगाहें 10 जुलाई की सुनवाई पर टिकी हैं, जब तय होगा कि 75 छात्रों को दोबारा मौका मिलेगा या नहीं।
इस बीच, बाकी छात्र जल्द ही शुरू होने वाली काउंसलिंग प्रक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।