These 5 major banks have removed the penalty: अगर आप भी बार-बार अपने बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने की वजह से लगने वाले चार्ज से परेशान रहते थे, तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी है। देश के 5 प्रमुख बैंकों ने अब सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस (Minimum Balance) की अनिवार्यता खत्म कर दी है। यानी अब आपके खाते में तय राशि से कम बैलेंस होने पर कोई पेनाल्टी या जुर्माना नहीं लगेगा।
✅ किन बैंकों ने खत्म किया मिनिमम बैलेंस का नियम?
1. Bank of Baroda (BOB)
- लागू होने की तारीख: 1 जुलाई 2025
- बदलाव: स्टैंडर्ड सेविंग अकाउंट्स पर अब कोई मिनिमम बैलेंस चार्ज नहीं लिया जाएगा।
- नोट: यह सुविधा प्रीमियम अकाउंट्स पर लागू नहीं होगी।
2. Indian Bank
- लागू होने की तारीख: 7 जुलाई 2025
- बदलाव: सभी सेविंग्स अकाउंट्स पर मिनिमम बैलेंस चार्ज पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।
3. Canara Bank
- घोषणा: मई 2025
- बदलाव: रेगुलर, सैलरी और NRI अकाउंट्स – सभी पर अब AMB (Average Monthly Balance) बनाए रखना जरूरी नहीं है।
4. Punjab National Bank (PNB)
- बदलाव: सेविंग अकाउंट्स पर मिनिमम बैलेंस चार्ज पूरी तरह से हटाया जा चुका है।
5. State Bank of India (SBI)
- लागू: मार्च 2020 से ही यह नियम लागू है।
- बदलाव: सभी सेविंग अकाउंट्स पर मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता पहले ही हटा दी गई है।
AMB (Average Monthly Balance) क्या होता है?
AMB यानी औसत मासिक शेष, वह राशि होती है जिसे ग्राहक को पूरे महीने में औसतन अपने खाते में बनाए रखना होता था। अगर यह राशि तय सीमा से कम हो जाती, तो बैंक जुर्माना वसूलता था। लेकिन अब कई बैंकों ने इस शर्त को हटाकर ग्राहकों को राहत दी है।
ग्राहकों को क्या फायदे होंगे?
- ✅ कोई जुर्माना नहीं: खाते में कम बैलेंस होने पर अब चार्ज नहीं कटेगा।
- ✅ अधिक लचीलापन: आप अपनी जरूरत के अनुसार फंड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- ✅ नई अकाउंट ओपनिंग में तेजी: नए ग्राहक भी अब बैंकिंग से जुड़ने में रुचि दिखाएंगे।
- ✅ छोटे खाताधारकों को राहत: जिनकी आय कम है, वे भी आसानी से बैंकिंग का लाभ ले सकेंगे।
किन्हें नहीं मिलेगी ये सुविधा?
यह छूट केवल स्टैंडर्ड सेविंग अकाउंट्स पर लागू है।
👉 प्रीमियम, कॉर्पोरेट या स्पेशल स्कीम्स वाले अकाउंट्स में अब भी पुराने नियम लागू हो सकते हैं।
सलाह: किसी भी बदलाव की पुष्टि के लिए अपने बैंक से संपर्क जरूर करें।
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
भारत में आज भी करोड़ों लोग बैंकिंग सेवाओं से दूर हैं। ऐसे में मिनिमम बैलेंस जैसी शर्तें कई बार गरीब और ग्रामीण वर्ग के लिए रुकावट बनती थीं। यह बदलाव:
- वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगा,
- डिजिटल बैंकिंग को और सरल बनाएगा,
- और आम आदमी को बिना डर के बैंकिंग से जुड़ने का अवसर देगा।
🔚 निष्कर्ष
यदि आप किसी ऐसे बैंक में खाता रखते हैं जो इस नई सुविधा की पेशकश कर रहा है, तो अब बेझिझक अपने खाते का उपयोग करें — चाहे उसमें ₹100 हों या ₹10, आपसे कोई पेनाल्टी नहीं ली जाएगी। यह बदलाव लाखों लोगों को बैंकिंग से जोड़ने में मदद करेगा और देश में डिजिटल लेन-देन को और मजबूत बनाएगा।
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